आज का ये दिन, चलो मैं तेरे नाम कर दूँ दूर से है सही ,मगर मैं तुझे सलाम कर दूँ दूर है तू मगर याद बनकर अब भी मेरे पास है राहों में बिछी नज़रों को अब भी तेरी तलाश है उम्मीद बाकीं है थोड़ी , जिन्दा थोड़ी सी आस है मिलोगे कहीं जरूर मुझको ये मन को विश्वास है
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